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 सूक्ष्म कथा : आज की ताज़ा खबर 
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..... रोज रात ३ बजे उठकर वो लोटा लेकर नाले के तरफ सरक जाता |
खोली के बाहर लगे हेंड पम्प में नहाकर, अपनी मेघ दूत साइकल में पेपर का बण्डल लादे वो घर, ऑफिस, दुकानों में ४ से ८ बजे तक पेपर बांटने के बाद एक बार फिर से घर लौटता और सायकल में टिफिन चापकर साइट पर रवाना हो जाता |
जहाँ १० घंटे की ड्यूटी बजाकर रात ९ बजे लौटता और खाना खाकर चारपाई पर गिर जाता |
ये उसकी रोजमर्रा ज़िन्दगी थी |
लेकिन उस दिन पेपर बांटकर जब वो हमेशा की तरह टिफिन लेने के लिए लौटा तो खोली के बाहर मजमा देखकर उसका माथा ठनका | अन्दर देखा तो डेढ़ साल के छोटू को घेरकर बीबी और बच्चियां बिलख रही थीं | बिलखते हुए बीबी बोली कि छोटू तीन दिन से बुखार में तप रहा था ...आज देखो ठंडा हो गया |
उसे लगा आसमान टुकड़े टुकड़े होकर उसके ऊपर गिर रहा है |
शहर में लोग उस वक्त पेपर में छपी देश-विदेश की ख़बरों में डूबे हुए थे |

##################################################४ सूक्ष्म कथाएँ.....

बुद्धिजीवी 
 
मेरे लिखे को आँख खोलकर पढ़ो
और मेरे कहे को कान खोलकर सुनो
लेकिन मेने क्या किया इससे आँख कान फेर लो
क्यों ???
क्योंकि मैं बुद्धिजीवी हूँ भाई ...बेबकूफ नहीं ||
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उपदेशक
"मेरे कहे
मेरे लिखे
मेरे किये और जिये पर बिल्कुल मत जाओ
बस मेरे पीछे पीछे चले आओ
क्यों...??
क्योंकि मैं आध्यात्मिक उपदेशक हूँ  भाई
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“दुरूपयोग 

मालिक आप मेरा दुरुपयोग क्यों करते है ?
मुझ पर तो आप को  सेवा के लिए बिठाया गया है ना ..
पद  ने  अपने ऊपर विराजमान विभूति से सवाल किया  |
वो बात यह है कि जब तक मैं तुम्हारा दुरूपयोग ना करूँ ...मुझे लगता ही नहीं कि मैं तुम्हारे ऊपर बैठा हूँ .....
उन्होने अपान वायु निकालते हुए ज़वाब दागा  .......
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शब्द शिरोमणि 
हमने आपको अपने शब्द साधक शिरोमणि हेतु चुना है
उन्होंने मुझे शाल श्रीफल देते हुए कहा ..
किन्तु मैंने किस शब्द की साधना की ..??
मैं शर्माते हुए पूछ बैठा....
सुविधा और संतुलन ..
उन्होंने अभिनन्दन पत्र देते हुए कहा .....
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