गठजोड़ ‘ नव रत्न ज्वेलर्स ’ के डी डी सेठ , ट्राई सायकल यानी तिपहिया हाथगाड़ी दान कर धर्म और धंधे दोनों में चांदी पीट रहे हैं | इसकी शुरुआत तब हुई जब उनके इशारे पर दरोगा ने उनके नालायक नौकर की ,टांग तुड़वा दी और वे प्रायश्चित स्वरूप तिपहिया लेकरअस्पताल जा पहुँचे | वहीँ से उनके भीतर परोपकार की गंगा जो बही ,तो हर माह बाकायदा कैमरे और रिपोर्टरों के आगे शिविर लगाकर अपाहिजों को तिपहिया दान करने लगे | “ नव रत्न ज्वेलर्स ” से दान प्राप्त की मोटी ‘ सचित्र ’ इबारत अपनी पुश्त पर लिखे हुए जब तिपहिया गाड़ी गली मोहल्लो में घूमती ,तो सेठ का धंधा और धर्म दोनों धन्य जाते हैं | लेकिन पिछले कुछ दिनों से सेठ दो बातों को लेकर परेशान थे पहली ये कि जहाँ हर माह ३०-४० लोग तिपहिया लायक हो जाते थे वहाँ अब १०-२० भी मुश्किल से मिल रहे थे यानी धर्म खतरे में था | दूसरी तरफ छोटे साहबजादे किसी बार गर्ल के चक्कर में उनकी बड़ी सी नाक कटाने पर तुले थे | लेकिन उस दिन उन्हें बहार फिर से लौटती दिखी ,जब छोटे साहबजादे ने बाइक पर स्टंट करते हुए ३ लोगों की टांग तोड़ दी |
कथ्य,शिल्पऔर अंतर्निहित सन्देश तीनों ही दृष्टि से अकिंचन ,जीवित फिर भी त्रणवत