सुअर और सोना ++++++++++++ (A pig painted gold is still a pig ..robert jorden ) सृजन कलाकार संघ का शुक्रिया अदा करता हूँ कि उन्होंने मेरी कृति 'सुअर और सोना ' को प्रथम पुरूस्कार के लिए चयनित करते हुए मुझे सृजन सम्मान से सम्मानित किया | कला तो जीवन की ऋणी होती है ,यदि मनीकान्त मेरे जीवन में नहीं आये होते तो शायद ही इसकी रचना हो पाती | रंग और रेखाएं भले कुछ और है लेकिन इसमें अक्स मनिकांत का ही है | बात समझाने के लिए आपको शुरू से सुनाना होगा | तो आज से १० साल पहले फाइन आर्ट की डिग्री लेकर में बेरोजगार बैठा था | स्कूलों में ड्राइंग मास्टर के लिए आवेदन दे रखे थे लेकिन या तो उनकी सेलरी कम थी या दूसरी शर्ते भी थे जैसे ड्राइंग सिखाने के अलावा ऑफिस का क्लर्कियल काम भी करना होगा | मैंने तय किया कि अपनी ड्राइंग क्लास खोलूँगा और पत्र पत्रिकाओं के लिए स्केच करूँगा | 'तूलिका' नाम से ड्राइंग क्लास शुरू कर दी | स्कूल -स्कूल जाकर पम्पलेट बांटे |चित्रकला की स्पर्धा कराकर क्लास के लिए बच्चे जुटाए | बहन से थोड़ा कर्ज लिया और शहर में अपनी क्लास के फ्लेक्स लगवा दिए | एक बच्ची थी रिद्धि, शह
कथ्य,शिल्पऔर अंतर्निहित सन्देश तीनों ही दृष्टि से अकिंचन ,जीवित फिर भी त्रणवत