सूक्ष्म कथा : वे तीन
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.... आज दोपहर फिर से बस्ती में भेड़िया घुस आया था |
उसके लौट जाने के बाद ,लहुलुहान लोगों की चीख पुकार के बीच वे तीनों दाखिल हुये |
पहला थाली पीटते हुए होशियार होशियार चिल्लाने लगा और झोले से किताबें निकालकर भेड़िये का इतिहास दोहराने लगा |
दूसरे ने कैमरे और लाईट के सामने भेड़िये के आने और जाने के रास्ते पर बहस शुरू कर दी |
तीसरा दौड़कर एक छत पर जा चढ़ा और अपनी लकड़ी की तलवार भांजने लगा |
“ लेकिन आप लोग तब कहाँ थे जब भेड़िया हमें शिकार बना रहा था ?” एक जख्मी ने झल्लाते हुए पूछा |
“ दरअसल तब हम अपने कमरों में आगे की रणनीति बना रहे थे |” तीनो समवेत बोले |
भीड़ के बीच छुपा भेड़िया अपने को सुरक्षित पाकर मंद मंद मुस्कुरा उठा ||||||
on face book 6/8/2014
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.... आज दोपहर फिर से बस्ती में भेड़िया घुस आया था |
उसके लौट जाने के बाद ,लहुलुहान लोगों की चीख पुकार के बीच वे तीनों दाखिल हुये |
पहला थाली पीटते हुए होशियार होशियार चिल्लाने लगा और झोले से किताबें निकालकर भेड़िये का इतिहास दोहराने लगा |
दूसरे ने कैमरे और लाईट के सामने भेड़िये के आने और जाने के रास्ते पर बहस शुरू कर दी |
तीसरा दौड़कर एक छत पर जा चढ़ा और अपनी लकड़ी की तलवार भांजने लगा |
“ लेकिन आप लोग तब कहाँ थे जब भेड़िया हमें शिकार बना रहा था ?” एक जख्मी ने झल्लाते हुए पूछा |
“ दरअसल तब हम अपने कमरों में आगे की रणनीति बना रहे थे |” तीनो समवेत बोले |
भीड़ के बीच छुपा भेड़िया अपने को सुरक्षित पाकर मंद मंद मुस्कुरा उठा ||||||
on face book 6/8/2014
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